Welcome

YOU ARE WELCOME TO RASHTRAHIT BLOG
PLEASE VISIT UPTO END OF THE BLOG

Tuesday, March 4, 2014

दूसरों की आलोचना

जो स्वंय अच्छा नहीं कर सकते वे दूसरों की आलोचना करते रहते हैं। लेकिन जो स्वंय करने में सक्षम हैं वे तो स्वंय करके आदर्श स्थापित करते हैं ।

No comments:

Post a Comment