Welcome

YOU ARE WELCOME TO RASHTRAHIT BLOG
PLEASE VISIT UPTO END OF THE BLOG

Friday, February 13, 2015

जितनी महिमा माँ



  • ऐक बार ऐक व्यक्ति ने स्वामी विवेकानन्द से पूछा , स्वामीजी सासार में जितनी महिमा माँ की हे उतनी पिताओं की क्यों नहीं हे ! स्वामी विवेकानंद ने ऐक बडा सा पत्थर मँगवाया और उस व्यक्ति से कहा कि त्तुम
    आज घर लौट कर अपने सारे काम ईस पत्थर को अपनी कमर से बाँधकर करना तुम को खुद मालूम हो जायेगा !
    अगले दिन वह व्यक्ति फिर स्वामी जी के पास आया और बोला -स्वामी जी यह आपने कैसा काम दिया मुझे ! मेरी कमर में भयानक दर्द हो रहा हे , पर इससे मेरे सवाल का जवाब तो नहीं मिला !
    विवेकानंद मुस्करा कर बोले बस इसी में प्रशन का जवाब हे ! ऐक ही दिन में तुम इतने कष्ट में आगयेजब कि ऐक माँ तमाम कष्टों को सहते हुए नौ महीने तक संतान को पेट में पालती है ! इसलिए इस संसार में उस की नहीं तो किस कि महिमा होगी !
    अब उसके समझ में आया कि माँ को महत्व क्यों देते हें

No comments:

Post a Comment