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Wednesday, December 17, 2014

Fwd: संत कबीर दोहे


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From: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
Date: 2014-10-02 6:08 GMT-07:00
Subject: संत कबीर दोहे
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परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

 मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम् 



संत कबीर दोहे
सब धरती कागद करूं, लखनी सब बनराय।

सात समुँदर की मसि करूं, गुरू गुन लिखा न जाय।!

कबीर ते नर अंध है, गुरू को कहते और।

हरी रूठे गुरू ठौर है, गुरू रूठे नहीं ठौर।।

गुरू बडे गोविन्द ते, मन में देखू विचारी।

हरी सुमिरे सो बार, गुरू सुमिरे सो पार।।

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