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Friday, August 25, 2017

कभी कभी

कभी कभी विपरीत स्थिति में भी मुस्कराने का प्रयास करो, यह सोचो कि उसमें भीकुछ भला ही होगा।



परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

रात्रि में ही

रात्रि में ही अगले दिन की व्यवस्था करके सोएं ताकि आज की प्रभात मधुर और शांत बने।

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

Monday, August 21, 2017

वे माता पिता

वे माता पिता अपनी संतान के शत्रु हैं जो अपनी संतान को धन तो देते हैं लेकिन उत्तम शिक्षा और उत्तम संसकार नहीं देते !

अभ्यास करना होगा

अभ्यास करना होगा – अच्छे लोगों के साथ बैठने का अभ्यास, बुरों से दूर रहने का अभ्यास, वाणी में नियन्त्रण का अभ्यास, 

अपने अन्दर विकारों को न जगने देने काअभ्यास


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

Saturday, August 19, 2017

जिन्दगी के

जिन्दगी के प्रत्येक कर्म को एक खेल समझो और हर खेल में हार जीत जरूर होगी।


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

प्रतीक्षा में

प्रतीक्षा में व्यर्थ जाने वाले समय के सदुपयोग का विकल्प अवश्य अपने पास रखिए।

 

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज 

Saturday, August 5, 2017

दुनिया के

दुनिया के जंजालो से बचते रहो, इनमे फंसना मुर्खता है और इनसे बचना समझदारी है।

Friday, August 4, 2017

सोने से पहले क्या और क्यों पढ़े?

सोने से पहले क्या और क्यों पढ़े?
कहते हैं रात को हम जिस तरह के विचारों के साथ सोते हैं सुबह हमारे दिन की शुरूआत जैसे होती है वैसे ही पूरा हमारा दिन बीतता है। यदि रात को मंत्र जप करते हुए, ध्यान करते हुए या कुछ अच्छे विचार रखकर सोएं तो नींद गहरी आती ही है। साथ ही आने वाला दिन भी सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ होता है। 

अधिकतर नियमबद्ध धार्मिक लोग अपनी दिनचर्या की शुरूआत धर्म ग्रंथों के साथ करते हैं लेकिन आजकल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग चाहकर भी यह नहीं कर पाते हैं। कहते हैं सुबह के समय इनको पढऩे से कोई विशेष फल मिलता है यह केवल एक रूढ़ी मात्र है।

दरअसल यह हमारी विचारधारा, मानसिकता और स्वास्थ्य के लिए तय किया गया है कि धर्म ग्रंथ सुबह ही पढ़े जाएं। लेकिन यदि रात को अच्छे विचारों वाली या आध्यात्मिक पुस्तक पढ़ते हुए सोएं तो कुछ ही दिनों में आप अपने आप में और अपने जीवन में इसका प्रभाव महसूस करेंगे। इसीलिए रात को सोने से पहले आध्यात्मिक विचारों वाली किताब का ज्यादा नहीं तो सिर्फ एक पेरेग्राफ पढ़कर सोएं। आपका आने वाला कल सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ होगा।

Thursday, August 3, 2017

चित्त एक सरोवर

 
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चित्त एक सरोवर हे ,जिसमें हर्ष और शोक की लहरें हमेशा चलती रहती हैं ! इसलिए दुःख आने पर निराश मत होना ! 


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Wednesday, August 2, 2017

जीवन को

जीवन को जीने का ढ़ग है कि उत्साहित रहना, मस्त रहना, प्रसन्न रहना, शान्त व सन्तुष्ट रहना। 

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज